3डी धातु मुद्रण प्रौद्योगिकी
3D धातु प्रिंटिंग प्रौद्योगिकी, जिसे धातु एडिटिव निर्माण के रूप में भी जाना जाता है, निर्माण प्रक्रियाओं में एक क्रांतिकारी प्रगति का प्रतिनिधित्व करती है। यह प्रौद्योगिकी धातु के पाउडर या तार फीडस्टॉक का उपयोग करके परत-दर-परत बनाकर जटिल धातु भागों को बनाने की अनुमति देती है। इस प्रक्रिया की शुरुआत एक डिजिटल 3डी मॉडल के साथ होती है, जिसे विशेष सॉफ़्टवेयर द्वारा पतली परतों में विभाजित किया जाता है। प्रिंटिंग के दौरान, उच्च-शक्ति वाले लेजर या इलेक्ट्रॉन बीम चयनित रूप से धातु के कणों को पिघलाते और उन्हें इन डिजिटल निर्देशों के अनुसार धीरे-धीरे आकार देते हैं। इस प्रौद्योगिकी में सिलेक्टिव लेजर मेल्टिंग (SLM), डायरेक्ट मेटल लेजर सिंटरिंग (DMLS) और इलेक्ट्रॉन बीम मेल्टिंग (EBM) जैसी विभिन्न विधियाँ शामिल हैं। ये प्रक्रियाएँ एल्यूमीनियम और टाइटेनियम से लेकर स्टेनलेस स्टील और महंगी धातुओं तक कई प्रकार की धातुओं के साथ काम कर सकती हैं। यह प्रौद्योगिकी अद्वितीय ज्यामितीय स्वतंत्रता प्रदान करती है, जो आंतरिक चैनलों, जाली संरचनाओं और जटिल आकृतियों के निर्माण की अनुमति देती है, जिन्हें पारंपरिक निर्माण विधियों का उपयोग करके बनाना असंभव या अत्यधिक महंगा होगा। इसका उपयोग विमानन, स्वचालित, चिकित्सा और औद्योगिक निर्माण सहित कई उद्योगों में किया गया है, जो धातु भागों के डिज़ाइन और उत्पादन के तरीके को बदल रहा है।